What has Modi done for the country : मोदी ने क्या किया देश के लिए

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What has Modi done for the country ( मोदी जी ने देश के लिया किया है ) :- आपको बता दें हमारे देश के प्रधानमंत्री जी के रूप में मोदी जी की एंट्री वर्ष 2014 में हुई है तब से लेकर आज वर्ष 2023 तक देश के लिए मोदी जी ने क्या किया है यह सवाल गूगल पर सबसे ज्यादा search किया जा रहा है आज आपको पूरी जानकारी बताएँगे की मोदी ने क्या किया है इस देश के लिए मोदी सरकार ने वर्ष 2014 के बाद कौन-कौनसी सरकारी योजनाओं को देश में लागु किया है , हमारे देश की अर्थव्यवस्था में कितना सुधार किया है , क्या-क्या इस देश में नए आधुनिक तकनिकी यंत्रों का आवागमन किया है इस मोदी ने इन सभी के बारे में आपको पूरी जानकारी बताएँगे आप बस आर्टिकल को ध्यान से पढ़ते रहें |

What has Modi done for the country ( मोदी ने क्या किया देश के लिए )

हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी जी ने देश के गरीब मजदुर, श्रमिक परिवार, गरीब किसान, छोटे अशिक्षित बच्चे एवं नवयुवा साथियों के लिए कौन-कौनसी सरकारी योजनाओं का सञ्चालन किया है इनके बारे में आप निचे आर्टिकल में पढ़ सकतें है हमारे देश की सन्यशक्ति को कितना मजबूत बनाया है इसके अलावा गरीबों के आर्थिक कल्याण के लिए बहुत सी सरकारी योजनाओं का क्रियान्वयन किया है जिससे आज देश के हरेक नागरिक को फ्रीम में चावल, दाल, गेंहू सामाजिक सुरक्षा पेंशन आदि का लाभ प्रदान किया जा रहा है इसके अलावा किसी भी प्रकार की बिमैर्यों से झुझ रहें गरीब परिवारों को मुफ्त इलाज की सेवा आदि प्रकार की सरकारी योजनाओं का लाभ प्रदान किया जाता है |

मोदी सरकार की 8 साल की उपलब्धियां


बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – बालिका शिशु की देखभाल :-

हमारा मंत्र होना चाहिए: ‘बेटा बेटी एक समान’ :-

“आइए कन्या के जन्म का उत्सव मनाएं। हमें अपनी बेटियों पर बेटों की तरह ही गर्व होना चाहिए। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि अपनी बेटी के जन्मोत्सव पर आप पांच पेड़ लगाएं।” – प्रधान मंत्री ने अपने गोद लिए गांव जयापुर के नागरिकों से

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत प्रधान मंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है अर्थात महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय।

इस योजना के मुख्य घटकों में शामिल हैं प्रथम चरण में PC तथा PNDT Act को लागू करना, राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान चलाना तथा चुने गए 100 जिलों (जहां शिशु लिंग अनुपात कम है) में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्य करना। बुनियादी स्तर पर लोगों को प्रशिक्षण देकर, संवेदनशील और जागरूक बनाकर तथा सामुदायिक एकजुटता के माध्यम से उनकी सोच को बदलने पर जोर दिया जा रहा है।

एनडीए सरकार कन्या शिशु के प्रति समाज के नजरिए में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का प्रयास कर रही है। प्रधान मंत्री मोदी ने अपने मन की बात में हरियाणा के बीबीपुर के एक सरपंच की तारीफ की जिसने ‘Selfie With Daughter’ पहल की शुरूआत की। प्रधान मंत्री ने लोगों से बेटियों के साथ अपनी सेल्फी भेजने का अनुरोध भी किया और जल्द ही यह विश्व भर में हिट हो गया। भारत और दुनिया के कई देशों के लोगों ने बेटियों के साथ अपनी सेल्फी भेजी और यह उन सबके लिए एक गर्व का अवसर बन गया जिनकी बेटियां हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत के बाद से लगभग सभी राज्यों में multi-sectoral District Action Plans चलाए जा रहे हैं। जिला स्तर के कर्मचारियों तथा frontline workers की क्षमता को और बढ़ाने के लिए प्रशिक्षकों के लिए क्षमता निर्माण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं और उन्हें प्रशिक्षण दिया जा रहा है। अप्रैल से अक्टूबर 2015 तक इस तरह के नौ प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं जिसमें सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय को शामिल किया गया।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना – स्थानीय पहल

इस के तहत पिथौरागढ़ जिले ने बालिका शिशु को बचाने और उनकी शिक्षा के विभिन्न उपाय किए हैं। जिला कार्यबल और ब्लॉक कार्यबल गठित किए गए हैं। इन संगठनों की बैठकें आयोजित की गई हैं और शिशु लिंग अनुपात से संबंधित स्पष्ट रूपरेखा तैयार कर ली गई है। बड़े स्तर पर समुदाय के लोगों से संपर्क करने के लिए और इस योजना का व्यापक रूप से प्रचार करने के लिए जागरूकता बढ़ाने से संबंधित कार्यकिलाप चलाए जा रहे हैं। विभिन्न स्कूलों, सैनिक स्कूलों तथा सरकारी विभागों कर्मचारियों इत्यादि की प्रमुख भागीदारी से विभिन्न रैलियां आयोजित की गई हैं।

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के बारे में जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से पिथौरागढ़ में नुक्कड नाटक भी आयोजित किए जा रहे हैं। ये नुक्कड नाटक केवल गांव में ही नहीं बल्कि बाजारों में भी आयोजित किए जाते हैं ताकि दर्शकों के एक बड़े वर्ग को जागरूक बनाया जा सके। कहानियों के मंचन के माध्यम से लिंग आधारित गर्भपात की समस्या के प्रति लोगों को जागरूक बनाया जा रहा है। शिशु बालिका से संबंधित मुद्दों तथा उसे अपने जीवन काल में जिन कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है उन्हें इन नुक्कड नाटकों में बहुत अच्छी तरह से दिखाया जाता है। हस्ताक्षर अभियान, संकल्प और शपथ समारोह के माध्यम से स्नातकोत्तर महाविद्यालयों के 700 विद्यार्थियों और अनेक सैन्य कर्मियों तक बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का संदेश पहुंचा है।

पंजाब के मानसा जिले ने एक पहल शुरू की है जिसमें वह जिले के लोगों को अपनी लड़कियों को पढ़ाने के लिए प्रेरित करते हैं। ‘उडान – सपने दी दुनिया दे रूबरू (उडान – एक दिन के लिए अपने सपने को जिएं)’ योजना, के तहत मानसा प्रशासन छठी से बारहवीं कक्षाओं की छात्राओं से प्रस्ताव आमंत्रित करता है। इन छात्राओं को उस प्रोफेशनल के साथ एक दिन बिताने का अवसर मिलता है जो वे अपने जीवन में बनना चाहते हैं जैसे – डॉक्टश्र, पुलिस अधिकारी, इंजीनियर, आईएएस और पीपीएस अधिकारी और अन्य।

इस पहल काफी लोकप्रिय हुई है और 70 से अधिक छात्राओं को प्रोफेशनल के साथ एक दिन बिताने का अवसर पहले ही मिल चुका है जिसमें वे एक पेशेवर वातावरण में उन्हें कार्य करते हुए देखते हैं जिससे उन्हें अपने भावी करियर का चयन करने के बारे में सही निर्णय लेने में मदद मिलती है।

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जनता को मिली JAM की ताकत: जन धन, आधार और मोबाइल

JAM का विजन, आगामी कई पहलों के लिए बुनियाद का काम करेगा। मेरे लिए JAM का मतलब है अधिकतम लक्ष्य की प्राप्ति।
खर्च होने वाले प्रत्येक रुपये का अधिकतम प्रतिफल।
हमारे गरीबों का अधिकतम सशक्तिकरण।
जनता के बीच तकनीक का अधिकतम प्रसार।

जनता को मिली JAM की ताकत: नरेंद्र मोदी :-

आजादी के 67 साल बाद भी भारत में बड़ी संख्या में ऐसी आबादी थी जिन्हें बैंकिंग सेवाएं नहीं हासिल थीं। इसका मतलब है कि उनके पास न तो बचत कोई जरिया था, न ही संस्थागत कर्ज पाने का कोई अवसर। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बुनियादी मसले का समाधान करने के लिए 28 अगस्त को जन धन योजना की शुरुआत की। कुछ ही महीनों के भीतर इस योजना ने लाखों भारतीयों के जीवन और भविष्य को पूरी तरह से बदल दिया। महज एक साल में 19.72 करोड़ बैंक खाते खोले गए। अभी तक 16.8 करोड़ रूपे कार्ड जारी किए गए हैं। इन खातों में 28,699.65 करोड़ रुपये जमा किए गए हैं। रिकॉर्ड 1,25,697 बैंक मित्रों को तैनात किया गया। इसने एक सप्ताह में सबसे अधिक 1,80,96,130 बैंक खाते खोलने के लिए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया।

हालांकि लाखों बैंक खातों को खोलना एक बड़ी चुनौती थी, लेकिन दूसरी बड़ी चुनौती लोगों की आदत में बदलाव लाना था, ताकि वो बैंक खातों का इस्तेमाल शुरू करें। जीरो बैलेंस खातों की संख्या सितंबर 2014 में 76.8% प्रतिशत से घटकर दिसंबर 2015 में 32.4% प्रतिशत रह गई। ओवरड्राफ्ट के रूप में अभी तक 131 करोड़ रुपये से अधिक का उपयोग किया गया |

मोदी ने क्या किया देश के लिए

ये सब प्रधानमंत्री मोदी की प्रेरणा तथा जनता और सरकारी मशीनरी को प्रोत्साहित करने की उनकी शक्ति द्वारा संभव हुआ। इस विशाल कार्य को मिशन मोड़ में लिया गया और सरकार तथा जनता की साझेदारी और भागीदारी में पूरा किया गया, जो अनुकरणीय है।

जन धन, आधार और मोबाइल वितरण प्रक्रिया प्रोसेस :-

लाखों भारतीयों को बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने के लिए बैंक खाते दिए गए, साथ ही इस पहल ने भ्रष्टाचार को रोकने में बड़ी भूमिका निभाई। अब डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर्स के रूप में सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराई जा सकती है। इससे लीकेज और किसी हेराफेरी की गुंजाइश खत्म हुई है। पहल योजना ने हाल में दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट कैश ट्रांसफर योजना होने के लिए गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में अपना नाम दर्ज कराया। पहल योजना के तहत एलपीजी सब्सिडी सीधे बैंक खातों में जमा कराई जाती है |

इस योजना के तहत 14.62 करोड़ से अधिक लोगों को सीधे नकद सब्सिडी मिल रही है। इस योजना ने करीब 3.34 करोड़ नकली या निष्क्रिय खातों की पहचान करने और उन्हें बंद करने में भी मदद की, जिससे हजारों करोड़ रुपये की बचत हुई। इस समय सरकार करीब 35-40 योजनाओं के लिए डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर्स का उपयोग कर रही है और 2015 में करीब 40,000 करोड़ रुपये लाभार्थियों को सीधे हस्तांतरित किए गए |

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना :-

आम लोगों के लिए बुनियादी बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध होने के साथ ही एनडीए सरकार ने नागरिकों को बीमा और पेंशन कवर देने के लिए ऐतिहासिक कदम की शुरुआत की। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना प्रति वर्ष महज 12 रुपये में दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा मुहैया कराती है। प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना प्रतिवर्ष 330 रुपये में जीवन बीमा उपलब्ध कराती है। अटल पेंशन योजना अंशदान के आधार पर 5000 रुपये प्रति माह तक पेंशन उपलब्ध कराती है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में 9.2 करोड़ से अधिक लोग जुड़ चुके हैं और करीब 3 करोड़ लोग प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना में शामिल हुए हैं। अटल पेंशन योजना के लिए करीब 15.85 लाख लोगों ने पंजीकरण कराया है |

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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ – बालिका शिशु की देखभाल

हमारा मंत्र होना चाहिए: ‘बेटा बेटी एक समान’

“आइए कन्या के जन्म का उत्सव मनाएं। हमें अपनी बेटियों पर बेटों की तरह ही गर्व होना चाहिए। मैं आपसे अनुरोध करूंगा कि अपनी बेटी के जन्मोत्सव पर आप पांच पेड़ लगाएं।” – प्रधान मंत्री ने अपने गोद लिए गांव जयापुर के नागरिकों से

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत कब हुई? :-

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरूआत प्रधान मंत्री ने 22 जनवरी 2015 को पानीपत, हरियाणा में की थी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना से पूरे जीवन-काल में शिशु लिंग अनुपात में कमी को रोकने में मदद मिलती है और महिलाओं के सशक्तीकरण से जुड़े मुद्दों का समाधान होता है। यह योजना तीन मंत्रालयों द्वारा कार्यान्वित की जा रही है अर्थात महिला और बाल विकास मंत्रालय, स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय तथा मानव संसाधन मंत्रालय।

इस योजना के मुख्य घटकों में शामिल हैं प्रथम चरण में PC तथा PNDT Act को लागू करना, राष्ट्रव्यापी जागरूकता और प्रचार अभियान चलाना तथा चुने गए 100 जिलों (जहां शिशु लिंग अनुपात कम है) में विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित कार्य करना। बुनियादी स्तर पर लोगों को प्रशिक्षण देकर, संवेदनशील और जागरूक बनाकर तथा सामुदायिक एकजुटता के माध्यम से उनकी सोच को बदलने पर जोर दिया जा रहा है |

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की शुरुआत कहाँ से हुई :-

एनडीए सरकार कन्या शिशु के प्रति समाज के नजरिए में परिवर्तनकारी बदलाव लाने का प्रयास कर रही है। प्रधान मंत्री मोदी ने अपने मन की बात में हरियाणा के बीबीपुर के एक सरपंच की तारीफ की जिसने ‘Selfie With Daughter’ पहल की शुरूआत की। प्रधान मंत्री ने लोगों से बेटियों के साथ अपनी सेल्फी भेजने का अनुरोध भी किया और जल्द ही यह विश्व भर में हिट हो गया। भारत और दुनिया के कई देशों के लोगों ने बेटियों के साथ अपनी सेल्फी भेजी और यह उन सबके लिए एक गर्व का अवसर बन गया जिनकी बेटियां हैं |

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विकास के प्रति नवीन दृष्टिकोणः सांसद आदर्श ग्राम योजना

प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सांसद आदर्श ग्राम योजना के शुभारंभ पर अपना विचार साझा किया।

‘हमारे लिए एक बड़ी समस्या रही है कि हमारा विकास आपूर्ति-उन्मुख रहा है। लखनउ, गांधी नगर अथवा दिल्ली में एक स्कीम तैयार की गई है। इसे ही आरंभ करने का प्रयास किया जा रहा है। हम आदर्श ग्राम के द्वारा इस माडल को आपूर्ति-उन्मुख की बजाए मांग-उन्मुख करना चाहते हैं। स्वयं ग्राम में ही इसकी इच्छा विकसित की जानी चाहिए।

हमें केवल अपने विचार में परिवर्तन करना है। हमें लोगों के दिलों को जोड़ना है। सामान्यतः, सांसद राजनीतिक गतिविधियों में लिप्त रहते हैं। लेकिन इसके बाद वे ग्राम में आएंगे। वहां कोई राजनीतिक गतिविधि नहीं होगी। यह परिवार की तरह होगा। ग्राम के लोगों के साथ बैठ कर निर्णय लिया जाएगा। इससे नई उर्जा का संचार होगा और ग्राम को एकजुट करेगा।

What has Modi done for the country

सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) का शुभारंभ :-

सांसद आदर्श ग्राम योजना (SAGY) का शुभारंभ 11 अक्तूबर 2014 को किया गया था। इसका उद्देश्य एक आदर्श भारतीय गांव के बारे में महात्मा गांधी की व्यापक कल्पना को वर्तमान परिप्रेक्ष्य में ध्यान में रखते हुए एक यथार्थ रूप देना था। SAGY के अंतर्गत, प्रत्येक सांसद एक ग्राम पंचायत को गोद लेता है और सामाजिक विकास को महत्व देते हुए इसकी समग्र प्रगति की राह दिखाता है जो इंफ्रास्ट्रक्चर के बराबर हो। ‘आदर्श ग्राम’ को स्थानीय विकास एवं सुशासन का संस्थान होना चाहिए जो अन्य ग्राम पंचायतों को प्रेरित करे।

ग्रामीणों को शामिल करके और वैज्ञानिक उपायों का लाभ लेते हुए, सांसद के नेतृत्व में एक ग्राम विकास योजना तैयार की जाती है। उसके उपरांत, विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार की जाती हैं और विभागों द्वारा राज्य सरकार को भेजी जाती हैं। State Level Empowered Committee (SLEC) समीक्षा करती है, बदलाव का सुक्षाव देती है और संसाधनों का priority allocation करती है। अब तक, SAGY ग्राम पंचायत प्रोजेक्ट्स को वरीयता देने के लिए 21 स्कीमों को भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों ने संशोधित किया है।

जिला स्तर पर, सांसद की अध्यक्षता में प्रत्येक ग्राम पंचायत के लिए मासिक समीक्षा बैठकें आयोजित की जाती हैं। प्रतिभागी विभागों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में प्रत्येक प्रोजेक्ट की समीक्षा की जाती है और प्रगति राज्य सरकार को सूचित की जाती है। यह उम्मीद की जाती है कि प्रत्येक सांसद वर्ष 2016 तक एक माडल ग्राम पंचायत के विकास का अग्रणी होगा, इसके बाद वर्ष 2019 तक दो का और वर्ष 2024 तक और पांच का। समूचे देश में अब तक 696 ग्राम पंचायतों को सांसदों द्वारा गोद लिया गया है |

प्रत्येक District Collector ने पर्याप्त वरिष्ठता वाले एक Charge Officer को नामित किया है जो स्थानीय स्तर पर कार्यान्वयन का समन्वय करेगा और जो कार्यान्वयन के लिए पूर्ण रूप से उत्तरदायी और जिम्मेदार होगा। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने पूरे देश में 9 क्षेत्रीय स्थानों पर 653 Charge Officers के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रमों का आयोजन किया है। ग्रामीण विकास मंत्रालय ने दिनांक 23-24 सितम्बर 2015 को भोपाल में एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया जिसमें सांसदों, राज्य सरकारों, District Collector, सभी राज्यों के ग्राम प्रधानों को आमंत्रित किया गया था। ग्रामीण विकास मंत्रालय की राष्ट्र स्तर की समिति द्वारा चुनी गई Good Practices को विस्तृत प्रदर्शनी के द्वारा प्रस्तुत किया गया ताकि इसी प्रकार की Good Practices को SAGY ग्राम पंचायतों में अपनाई जा सके। SAGY ग्राम पंचायतों की प्रगति को मानीटर करने के लिए मंत्रालय ने ‘पंचायत दर्पण’ के रूप में 35 सूचक भी विकसित किया है।

सफलता के कुछ किस्से:

ग्राम-लादेरवां, ब्लाक-त्रेहगाम, जिला-कुपवाड़ा, जम्मू और कश्मीर में लोगों का प्रमुख कार्य कृषि है। वैज्ञानिक कृषि को प्रोत्साहित करने के लिए, 379 किसानों के मोबाइल नम्बर को कृषि विज्ञान केन्द्र (KVK) से जोड़ा गया। KVK एस0एम0एस0 मैसेज के जरिए मौसम पूर्वानुमान की सूचना पहुंचाता है और पैदावार के नाजुक चरणों पर विशिष्ट फसलों के लिए recommended package of practices की भी सूचना देता है। श्री मुजफ्फर हुसैन बेग, सांसद के मार्गदर्शन में इसका बीड़ा उठाया गया है। परिणामस्वरूप, किसानों को अपने मोबाइल पर नियमित agro-advisories प्राप्त होती है। इनमें वैज्ञानिक ढंग से फसल बोने की विधि, मृदा जांच, फसल सुरक्षा, agronomic practices, post-harvest technologies और बाजार सूचना से संबंधित critical messages शामिल हैं। यह लोगों को फसल उत्पादन और अपने कृषि उत्पादों के विपणन के संबंध में informed decision लेने में समर्थ बनाता है |

शिवगंगा जिला, तमिलनाडु में स्थित मारवामंगलम को आदर्श ग्राम के रूप में डॉ0 ई0एम0 सुदर्शन नचीअप्पन, सांसद (राज्य सभा) द्वारा चयन किया गया। सांसद ने सुधार और ग्रामीण आजीविका को प्रोत्साहित करने के लिए संभावित क्षेत्रों की पहचान की। समुदायों के लिए कॉअर, चमड़ा और नारियल प्रशिक्षण तैयार किया गया और प्रोत्साहित किया गया था। जिला प्रशासन और अलगप्पा यूनिवर्सिटी के सहयोग से सांसद ने अनेकों जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया। Coir Board of India, coconut Development Board of India और Central Leather Research Institute के सहयोग से उन्होंने socialist training partners को भी शामिल किया |

दो महीने के Coir training programme के लिए उन्होंने प्रशिक्षण संस्थानों से संपर्क किया। इसका उद्देश्य सफल उद्यमी बनने के लिए लोगों को शिक्षित करना था। प्रशिक्षण कार्यक्रमों में कोइर प्रशिक्ष्रण के लिए 120 महिलाओं, 112 व्यक्तियों को चमड़ा प्रशिक्षण ओर 27 पुरूषों को नारियल प्रशिक्षण के लिए शामिल किया गया। प्रशिक्षण पूरा होने के उपरांत, सफल प्रशिक्षुओं को वित्तीय सहायता देने के लिए जिला प्रशासन एवं ट्रेनिंग पार्टनर्स द्वारा पूरा प्रयास किया जाएगा जिससे कि वे स्वयं का सामाजिक उद्यम आरंभ कर सकें और अपना जीवन-निर्वाह कर सकें |

श्री विद्युत बरन महतो, सांसद ने गोद लिए बांगुरदा ग्राम पंचायत ने महसूस किया कि पूर्वी सिंहभूम, झारखंड के दूरस्थ और दुर्गम्य स्थानों में बालिकाओं के स्वास्थ्य और स्वच्छता के संबंध में नगण्य प्रयास किया गया है। एनीमिया एवं अन्य बीमारियां विशेष रूप से महिलाओं और युवा लड़कियों में बहुत थी। इसके समाधान के लिए, किशोरवय लड़कियों को विशेष रूप से लक्ष्य कर के उन्होंने कई स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन किया। स्वास्थ्य कैम्प का आयोजन कस्तूरबा गांधी बालिक विद्यालय में किया गया और यहां 188 किशोरवय लड़कियों की जांच की गई। परिणामतः, स्त्रीयोचित बीमारियां, मूत्र नली संक्रमण एवं चर्म रोग से पीड़ित कई लड़कियां पाई गई जिन्हें वे अब तक सामाजिक-सांस्कृतिक वर्जनाओं के कारण दबाती आई थीं |

यह भी पाया गया कि इनमें से कई बीमारियां अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली और गंदे परिवेश के कारण हुई थी। किशोरवय लड़कियों और महिलाओं में व्यक्तिगत स्वच्छता के संबंध में जागरूकता पैदा करने के लिए उपाय किए जा रहे हैं। यह दीर्घकालिक उपाय होगा जिसे ग्राम में नियमित रूप से आयोजित किया जाएगा |

अटल पेंशन योजना के नियमों में नया बदलाव : Atal Pension Yojana New Update

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भारतीय उद्यमियों के हौसले हुए बुलंद

मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत में बहुत अधिक मात्रा में छिपी हुई उद्यमशील उर्जा है। इसे पोषित-पल्लवित करने की जरूरत है, ताकि हम नौकरी चाहने वाले देश से आगे बढ़कर नौकरी देने वाला देश बनें |

-नरेंद्र मोदी

एनडीए सरकार उद्यमशीलता को बढ़ावा देने पर फोकस कर रही है। ‘मेक इन इंडिया’ पहल भारत में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के हमारे चार स्तंभों पर आधारित है। ना सिर्फ मैन्युफैक्चरिंग, बल्कि अन्य क्षेत्रों में भी |

मोदी जी की 9 साल की महान उपलब्धियां

नई कार्यविधि:

‘मेक इन इंडिया’ उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को सर्वाधिक महत्वपूर्ण फैक्टर के रूप में मान्यता देता है |

नया इंफ्रास्ट्रक्चर:

उद्योगों के विकास के लिए आधुनिक और सुविधाजनक इंफ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता सबसे महत्वपूर्ण जरूरत है। सरकार बेहतरीन तकनीक पर आधारित इफ्रास्ट्रक्चर मुहैया कराने के लिए औद्योगिक गलियारों और स्मार्ट सिटीज़ के साथ ही हाई-स्पीड कम्युनिकेशन और एकीकृत लॉजिस्टिक व्यवस्था विकसित करना चाहती है।

नए क्षेत्र:

‘मेक इन इंडिया’ ने विनिर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर और सेवा गतिविधियों में 25 क्षेत्रों को चिन्हित किया है और उनकी विस्तृत जानकारी सभी संबंधित पक्षों को दी जा रही है।

नई सोच:

उद्योग सरकार को एक रेग्युलेटर के रूप में देखने का आदी है। ‘मेक इन इंडिया’ का मकसद उद्योगों के साथ सरकार के व्यवहार में आमूलचूल बदलाव लाकर इस सोच को बदलना है। सरकार का दृष्टिकोण एक सुविधाप्रदाता का होगा, और एक रेग्युलेटर का नहीं।

सरकार उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक तीन आयामी रणनीति को अपना रही है। ये 3C मॉडल है, जो इन पर काम करेगा: कम्पलाईएंसेज़, कैपिटल और कॉन्ट्रैक्ट एनफोर्समेंट।
कम्पलाईएंसेज़ (स्वीकृति):

भारत ने वर्ल्ड बैंक की ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ रैकिंग में 130वां स्थान पाकर तेजी से उन्नति की है। आज एक बिजनेस शुरू करना पहले किसी भी समय के मुकाबले कहीं आसान है। अनावश्यक स्वीकृतियों को खत्म कर दिया गया और कई मंजूरियां ऑनलाइन पाई जा सकती हैं।

इंडस्ट्रियल लाइसेंस (आईएल) और इंडस्ट्रियल आंत्रप्रन्योर मेमोरैंडम (आईईएम) के लिए आवेदन करने की प्रक्रिया को ऑनलाइन कर दिया गया है और अब ये सुविधा उद्यमियों के लिए 24X7 आधार पर उपलब्ध है। करीब 20 सेवाएं एकीकृत हुई हैं और वो विभिन्न सरकारों और सरकारी एजेंसियों से मंजूरियां पाने के लिए एक सिंगल विंडो पोर्टल की तरह काम करेंगी।

भारत सरकार ने राज्य सरकारों द्वारा कारोबारी सुधारों के कार्यान्वयन का एक मूल्यांकन कराया। यह मूल्यांकन वर्ल्ड बैंक ग्रुप और केपीएमजी के सहयोग से किया गया। इस रैंकिंग से राज्यों को एक दूसरे से सीखने और सकसेज़ स्टोरीज़ को दोहराने का अवसर मिलेगा। इस तरह पूरे देश में कारोबार के लिए लिहाज से नियामक माहौल तेजी से सुधर रहा है।

सरकार ने भारत में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई क्षेत्रों में भारत के एफडीआई नियमों को भी उदार बनाया है।

कैपिटल (पूंजी):

भारत में करीब 5.8 करोड़ गैर-कॉर्पोरेट उद्यमी 12.8 करोड़ नौकरियां देते हैं। इनमें से 60% ग्रामीण इलाकों में हैं। 40% से अधिक के मालिक पिछड़े वर्गों और 15% के मालिक अनुसूचित जाति और जनजाति से हैं। लेकिन उनके वित्तपोषण में बैंकों के कर्ज की हिस्सेदारी मामूली सी है। इनमें से ज्यादातर को कभी बैंक से कोई कर्ज नहीं मिला। दूसरे शब्दों में, अर्थव्यवस्था के सर्वाधिक रोजगार देने वाले क्षेत्र को सबसे कम कर्ज मिला। इस परिदृश्य को बदलने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना और मुद्रा बैंक की शुरुआत की |

इसकी शुरुआत छोटे उद्यमियों को कुछ गिरवी रखे बिना सस्ता कर्ज उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई, जिन्हें आमतौर पर अत्यधिक ब्याज दरों का भुगतान करना पड़ता था। इसकी शुरुआत के थोड़े ही समय में करीब 65,000 करोड़ रुपये के 1.18 करोड़ ऋणों को मंजूरी दी गई। 50,000 रुपये से कम धनराशि का कर्ज पाने वाले लोगों की संख्या में अप्रैल-सितंबर 2015 के दौरान पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 555% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

Contract Enforcement (अनुबंध प्रवर्तन):

बेहतर कॉन्ट्रैक्ट एनफोर्समेंट को हासिल करने के लिए, आर्बिट्रेशन कानून को बदला गया है, ताकि आर्बिट्रेशन को सस्ता और तेज बनाया जा सके। कानून अब मुकदमों को सुलझाने के लिए समयसीमा तय करेगा और ट्रब्यूनल्स को फैसले लागू करने में सक्षम बनाएगा।

सरकार एक आधुनिक बैंक्रप्सी कोड भी लाई है, जो मौजूदा कारोबार को आसान बनाएगा |

भारत के विकास को मिली मज़बूती

भारत ने 18,000 गांवों में बिजली पहुंचाने का महत्वाकांक्षी मिशन तय किया है। ये गांव आजादी के 7 दशक बाद आज भी अंधेरे में डूबे हुए हैं। प्रधान मंत्री मोदी ने अपने स्वतंत्रता दिवस भाषण में घोषणा की थी कि 1000 दिनों के भीतर सभी शेष गांवों में बिजली पहुंचा दी जाएगी। गांवों का विद्युतीकरण तेजी से हो रहा है। और, यह काम बहुत ही पारदर्शी तरीके से किया जा रहा है। एक मोबाइल ऐप और एक वेब डैशबोर्ड के जरिए विद्युतीकरण किए जा रहे गांवों के आंकड़े जनता के लिए उपलब्ध हैं। हालांकि हम गांवों में केवल बिजली को पहुंचता देख सकते हैं, लेकिन यह नोट करना भी महत्वपूर्ण है कि इसके साथ गांवों में रह रहे लोगों के सपने, आकांक्षाएं और जीवन में तरक्की करने की बातें भी जुड़ी होती हैं |

यह भुलाना मुश्किल है कि हमारे इतिहास में बिजली जाने की जो सबसे बड़ी घटनाएं हुई हैं उनमें से एक भारत में जुलाई 2012 में घटित हुई। इसने 62 करोड़ लोगों को अंधेरे में डुबो दिया था। इस अंधेरे ने राष्ट्र को घेर लिया, जबकि 24,000 मेगावाट से अधिक की उत्पादन क्षमता बेकार पड़ी है क्योंकि कोयला और गैस जैसे ईंधनों की कमी है। पूरा सेक्टर एक निष्क्रियता के दुष्चक्र और policy paralysis में फंस गया जिसमें एक ओर अतिरिक्त उत्पादन क्षमता और अत्यधिक अप्रयुक्त निवेश थे तो दूसरी ओर उपभोक्ताओं के लिए बड़ी-बड़ी बिजली कटौतियां।

पिछले वर्ष जब NDA सरकार सत्ता में आई, तो 2/3 कोयला आधारित बिजली के प्लांटों में (केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण द्वारा ट्रैक किए गए अनुसार 100 में से 66 प्लांटों में) कोयले के क्रिटिकल स्टाक थे जिसका अर्थ यह है कि उनके पास 7 दिन से कम का कोयले का स्टाक बचा था। इस कठिन स्थिति से उबर आने के बाद, आज देश में एक भी बिजली के प्लांट को कोयले के क्रिटिकल लेवल का सामना नहीं करना पड़ रहा है।

मोदी ने क्या किया देश के लिए

सरकार ने सभी को बिजली उपलब्ध कराने की दिशा कठिन परिश्रम करने के साथ-साथ, क्लीन एनर्जी को भी अपनी प्राथमिकता बनाया है। उसने ऊर्जा के नवीकरण योग्य स्रोतों के द्वारा 175 GW एनर्जी का महत्वाकांक्षी लक्ष्य तय किया है, जिसमें 100 GW की सौर ऊर्जा भी शामिल है।

नई सरकार ने इस सेक्टर में संपूर्ण और दीर्घकालिक structural सुधारों पर फोकस किया है, जिसमें सभी के लिए चौबीसों घंटे बिजली उपलब्ध कराना शामिल है। विद्युत क्षेत्र की अच्छी स्थिति वृद्धि (growth) के आंकड़ों से साबित होती है। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के अनुसार, अक्टूबर में विद्युत में 9% की वृद्धि हुई जबकि कोल इंडिया लिमिटेड के उत्पादन में अप्रैल-नवंबर के दौरान 9% की वृद्धि हुई। 2014-15 में कोल इंडिया द्वारा किये गए कोयले का उत्पादन पिछले चार वर्षों में कोयले के उत्पादन में हुई कुल वृद्धि से भी ज्यादा है। फलस्वरूप, पिछले वर्ष की तुलना में नवंबर में आयात में 49% की गिरावट आई |

कोयला आधारित स्टेशनों के उत्पादन में वृद्धि 12.12% थी, जो अब तक की सबसे अधिक है। माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा 214 कोल ब्लॉकों का आवंटन रद्द करने से उत्पन्न संकट को पारदर्शी e-auctions के जरिए एक अवसर में बदल दिया गया। इन सभी से प्राप्त आय राज्यों को जाती है विशेषकर पूर्वी भारत के कम विकसित राज्यों को |

पिछले वर्ष 22,556 मेगावाट की क्षमता वृद्धि की गई जो अब तक की सबसे अधिक है। Peak shortage का स्तर जो 2008-09 में 11.9% था, उसे कम कर 3.2% कर दिया गया, जो अब तक का सबसे कम है। मौजूदा वर्ष में ऊर्जा कमी 2008-09 के मुकाबले 11.1% से घटकर 2.3% रही है। भारत के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।

ट्रांसमिशन फ्रंट पर अधिक बिजली वाले राज्यों से कम बिजली वाले राज्यों तक बिजली आपूर्ति में बहुत सी अड़चने रही हैं। Southern Grid को ‘One Nation, One grid, One Frequency’ करने के लिए तेजी से synchronize के प्रयास किए गए थे। 2013-14 के दौरान Available transfer Capacity (ATC) केवल 3,450 MW थी जो इस महीने 71% बढकर 5,900 MW हो गई है।

Power value chain के सबसे कमजोर लिंक को ठीक करने की दृष्टि से UDAY (Ujwal DISCOM Assurance Yojana) को क्षेत्र की भूत, वर्तमान और भावी परेशानियों को दूर करने का काम दिया गया है। UDAY का विकास राज्यों (मुख्यमंत्री, मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिव, प्रबंध निदेशक, DISCOM इत्यादि), बैंकर्स और रेगुलेटर्स के उच्चतम स्तरीय परामर्श के bottom up approach से हुई थी। जहां तक DISCOMs’ के debt trap से निपटने की बात है तो UDAY ने DISCOMs के लिए एक sustainable operational improvement का रास्ता निकाला है। सरकार भी बिजली लागत में कमी लाने के बहुत सारे उपाय कर रही है |

आशा की जाती है कि 2018-19 तक सभी DISCOMs लाभ कमाने लगेंगी। UDAY- budgetary hard-stop के अंतर्गत DISCOM issues को परस्पर सहयोग से एक स्थायी समाधान प्रदान करता है, बिजली की लागत कम करने और बिजली दक्षता को बढ़ाने के लिए UDAY सुधार के पूर्व के प्रयासों में बिल्कुल अलग है |

ऊर्जा दक्षता जैसे क्षेत्रों में dynamic विकास देखा गया है, जहां LED bulbs की कीमतों में 75% तक की कमी हुई है और एक साल से भी कम अवधि में 4 करोड़ bulbs का वितरण किया गया है। सभी bulbs को LED bulbs से बदलने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिए 2018 तक 77 करोड़ bulbs का वितरण किया जाएगा। घरेलू और स्ट्रीटलाइट LED bulbs कार्यक्रम से peak-load demand में 22 GW तक कमी आएगी जिससे बिजली की प्रति वर्ष 11,400 करोड़ यूनिट की बचत होगी और प्रतिवर्ष 8.5 करोड़ टन कार्बन-डाई-आक्साइड उत्सर्जन में कमी आएगी। 22 GW क्षमता प्राप्त कर लेना एक ऐतिहासिक उपलब्धि माना जा सकता है किंतु इसका एक अलग पहलू भी है जहां पर्यावरण के संरक्षण के लिए ऐसे निवेशों से बचने को बेहतर मानने के लिए एक अलग नजरिया चाहिए |

नमामि गंगे का उद्धार

उत्तर प्रदेश में गंगा के तट पर स्थित वाराणसी से संसद के लिए मई 2014 में निर्वाचित होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था, ‘मां गंगा की सेवा करना मेरे भाग्य में है।

गंगा नदी का न सिर्फ़ सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व है बल्कि देश की 40% आबादी गंगा नदी पर निर्भर है। 2014 में न्यूयॉर्क में मैडिसन स्क्वायर गार्डन में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा था, “अगर हम इसे साफ करने में सक्षम हो गए तो यह देश की 40 फीसदी आबादी के लिए एक बड़ी मदद साबित होगी। अतः गंगा की सफाई एक आर्थिक एजेंडा भी है”।

मोदी जी की 9 साल की महान उपलब्धियां

इस सोच को कार्यान्वित करने के लिए सरकार ने गंगा नदी के प्रदूषण को समाप्त करने और नदी को पुनर्जीवित करने के लिए ‘नमामि गंगे’ नामक एक एकीकृत गंगा संरक्षण मिशन का शुभारंभ किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नदी की सफाई के लिए बजट को चार गुना करते हुए पर 2019-2020 तक नदी की सफाई पर 20,000 करोड़ रुपए खर्च करने की केंद्र की प्रस्तावित कार्य योजना को मंजूरी दे दी और इसे 100% केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एक केंद्रीय योजना का रूप दिया।

यह समझते हुए कि गंगा संरक्षण की चुनौती बहु-क्षेत्रीय और बहु-आयामी है और इसमंं कई हितधारकों की भी भूमिका है, विभिन्न मंत्रालयों के बीच एवं केंद्र-राज्य के बीच समन्वय को बेहतर करने एवं कार्य योजना की तैयारी में सभी की भागीदारी बढ़ाने के साथ केंद्र एवं राज्य स्तर पर निगरानी तंत्र को बेहतर करने के प्रयास किये गए हैं।

कार्यक्रम के कार्यान्वयन को शुरूआती स्तर की गतिविधियों (तत्काल प्रभाव दिखने के लिए), मध्यम अवधि की गतिविधियों (समय सीमा के 5 साल के भीतर लागू किया जाना है), और लंबी अवधि की गतिविधियों (10 साल के भीतर लागू किया जाना है) में बांटा गया है |


भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज हुई रफ्तार

एनडीए सरकार के तहत भारत दुनिया में सर्वाधिक तेज़ी से बढ़ती हुई बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया |

ये भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक ऐतिहासिक साल था। पस्त पड़ चुकी विकास दर, भारी महंगाई और उत्पादन में कमी के दौर से उबरते हुए एनडीए सरकार ने ना सिर्फ मैक्रो-इकनॉमिक फंडामेंटल्स को मजबूत किया, बल्कि अर्थव्यवस्था को एक तेज रफ्तार विकास पथ ले आई। भारत की जीडीपी विकास दर कुलांचे भर कर 7.4% हो गई, जो दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में सबसे अधिक है।

मोदी जी की 9 साल की महान उपलब्धियां

विभिन्न रेटिंग एजेंसी और थिंकटैंक ने अनुमान जताया है कि एनडीए सरकार के तहत अगले कुछ वर्षों में भारत का विकास तेजी से होगा। मजबूत बुनियाद और एनडीए सरकार द्वारा किए जा रहे सुधारों के चलते मूडीज ने हाल में भारत की रेटिंग को ‘स्टेबल’ से अपग्रेड करके “पॉजिटिव” कर दिया।

ब्रिक्स (BRICS) की शुरुआत होने के बाद कई लोगों को लगने लगा कि “आई” (इंडिया) इस रेस का घोड़ा नहीं है और भारत को संदेह के साथ देखा गया। आज ये भारत ही है जिसके बारे में माना जा रहा है कि वह ब्रिक्स के ग्रोथ इंजन के रूप में उसे शक्ति प्रदान कर रहा है।

सरकार द्वारा मैन्युफैक्चरिंग पर खास जोर देने के साथ ही औद्योगिक उत्पादन सूचकांक पिछले साल निगेटिव ग्रोथ के मुकाबले इस साल 2.1% की दर से बढ़ा। थोक कीमतों पर आधारित महंगाई (WPI) में तेज गिरावट देखी गई और ये अप्रैल 2014 में 5.55% के मुकाबले घटकर अप्रैल 2015 में -2.65% प्रतिशत हो गई। एफडीआई इनफ्लो ऐतिहासिक गति से बढ़ रहा है। एफडीआई इक्विटी इनफ्लो 40% की उछाल दर्ज कर बीते साल के 1,25,960 करोड़ रुपये के मुकाबले इस साल 1,75,886 करोड़ रुपये हो गया।

राजकोषीय घाटा भी लगातार गिरावट की स्थिति में है। भारत का चालू खाता घाटा बीते साल जीडीपी के मुकाबले 4.7% के स्तर से इस साल जीडीपी का 1.7% रह गया। भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में उल्लेखनीय बढ़ोतरी हुई और ये 309.4 अरब डॉलर से बढ़कर 343.2 अरब डॉलर हो गया। इससे किसी वैश्विक उठा-पटक की स्थिति में भारत को जोखिम से बचने में मदद मिलेगी |

एक खुशहाल भारत के लिए मजबूत किसान

कृषि को तेजी से बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए किसान हमेशा से हमारे देश का आधार रहे हैं और एनडीए सरकार इनोवेशन और कुछ ठोस उपायों के जरिए देश के इस आधार को मजबूत बनाने की कोशिश कर रही है। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना सिंचाई की सुविधाएं सुनिश्चित कर उपज को बढ़ाएगी। इस योजना का विजन यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक खेत को किसी ना किसी तरह के सुरक्षात्मक सिंचाई के साधन उपलब्ध हों। किसानों को सिंचाई के आधुनिक तरीकों के बारे में शिक्षित किया जा रहा है ताकि पानी की ‘प्रत्येक बूंद के बदले अधिक पैदावार’ मिले। 

कायम की अभूतपूर्व पारदर्शिता

देश हित में पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन पिछले दशक में हालांकि मनमाने ढंग से फैसले लेने, भ्रष्टाचार और मनमाने ढंग से महत्वपूर्ण निर्णय लेने की कई कहानियां सुनाई दीं, लेकिन पिछले एक वर्ष में स्वगतयोग्य बदलाव देखा गया। कोयला ब्लाक आवंटन रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद सरकार ने अतुलनीय तत्परता दिखाते हुए पारदर्शी और समयबद्ध नीलामी सुनिश्चित की। 67 कोयला ब्लाक की नीलामी और आवंटन की प्रक्रिया 3.35 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गई। इस बारे में दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा: “हमें इस तथ्य ने आश्वस्त किया है कि नीलामी की प्रक्रिया सही ढंग से पूरी हुई |

एक उज्ज्वल भविष्य की ओर

एनडीए सरकार ने शिक्षा तथा कौशल विकास को दिया बेमिसाल बढ़ावा शिक्षा की गुणवत्ता और उसकी पहुंच बढ़ाने के लिए कई यूनीक उपाये किए गए। प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी कार्यक्रम के माध्यम से सभी शिक्षा ऋणों और छात्रवृत्तियों के प्रशासन और निगरानी के लिए एक पूर्ण रूप से आईटी आधारित वित्तीय सहायता प्राधिकरण की स्थापना की गई। अध्यापन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए पंडित मदन मोहन मालवीय शिक्षक प्रशिक्षण मिशन शुरू किया गया। भारतीय छात्रों को अंतरराष्ट्रीय एक्सपोजर देने के लिए ग्लोबल इनीशिएटिव ऑफ एकेडमिक नेटवर्क (GIAN) की शुरुआत हुई। इसके तहत देश के उच्च शिक्षा संस्थानों में गर्मी और सर्दी के अवकाश के ..

मेक इन इंडिया

विनिर्माण क्षेत्र का दिग्गज बनने की राह में भारत भारत में ना सिर्फ विनिर्माण बल्कि अन्य क्षेत्रों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए शुरू किया गया ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम चार स्तंभों पर आधारित है। नई कार्यविधि: ‘मेक इन इंडिया’ का मानना है कि उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए एक सबसे महत्वपूर्ण बात ‘कारोबार करने की सुविधा’ है। कारोबारी माहौल को आसान बनाने के लिए कई इनीशिएटिव पहले ही शुरू किए जा चुके हैं। इसका उद्देश्य पूरे कारोबारी चक्र के दौरान इंडस्ट्री को डी-लाइसेंस और डी-रेग्युलेट करना है। नया बुनियादी ढांचा: उद्योगों के विकास के लिए आधुनिक और सुविधाजनक बुनियादी ढांचे …

जन धन से जन सुरक्षा तक

भारत ने बनाया विश्व कीर्तिमान: अधिकतम संख्या में बैंक खाते खोलने के लिए और सबसे बड़ी कैश ट्रांसफर स्कीम के लिए आजादी के 67 वर्ष बाद भी भारत में बड़ी संख्या में ऐसी आबादी थी, जिन्हें किसी भी तरह की बैंकिंग सेवा उपलब्ध नहीं थी। इसका मतलब था कि उनके पास बचत के लिए कोई जरिया नहीं था, और ना ही संस्थागत कर्ज लेने का कोई मौका था। प्रधानमंत्री मोदी ने इस बुनियादी मसले का समाधान करने के लिए 28 अगस्त को प्रधानमंत्री जन धन योजना की शुरुआत की। कुछ ही महीनों में 15 करोड़ बैंक खाते खोले गए। अभी तक …

एक सुधारवादी कार्यशील सरकार

26 मई, 2014 को एनडीए की सरकार बनते ही लोगों की सरकार से उम्मीदें बढ़ गईं। लोगों की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए सरकार ने पहले ही दिन से जमीनी स्तर पर कार्य करना शुरु कर दिया। सरकार विकास को बढ़ावा देने के लिए नई नीतियां और कानून लाने दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। भारतीय अर्थव्यवस्था को इसकी पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने के लिए सुधारों की एक नई लहर पैदा की जा रही है। भारत के पास आर्थिक क्रांति लाने और लाखों लोगों के जीवन में सुधार लाने का एक बहुत बड़ा अवसर है। एनडीए …

मिशन मोड में शासन (शासन को एक सुनिश्चित उददेश्य के साथ चलाना)

16 मई 2014 भारत के प्रजातांत्रिक इतिहास में एक निर्णायक क्षण था। जनता ने एक ऐतिहासिक जनादेश दिया था और नरेन्द्र मोदी को अपना प्रधान मंत्री चुना था। ये मतदान एक परिवर्तन के लिए, एक ऐसे नेता के लिए था जो कार्य को संपन्न करने वाले व्यक्ति के तौर पर जाना जाता है, ये वोट एक ऐसे नेता के लिए था जिसका एकल उददेश्य भारत की प्रगति है। जैसा कि हमेशा से उन्होंने लोगों की अपेक्षाओं के अनुरूप कार्य करके दिखाया है, नरेन्द्र मोदी पहले दिन से ही अपने इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए सक्रिय हो गए। ये बात …|

स्वच्छ भारत की दिशा में पहल

नई दिल्ली में राजपथ पर स्वच्छ भारत अभियान का शुभारंभ करते हुए श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा, “2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर भारत उन्हें स्वच्छ भारत के रूप में सर्वश्रेष्ठ श्रद्धांजलि दे सकता है।” 2 अक्टूबर 2014 को देश भर में एक राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत हुई। स्वच्छता के लिए जन आंदोलन की अगुवाई करते हुए प्रधानमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे साफ और स्वच्छ भारत के महात्मा गांधी के सपने को पूरा करें। श्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं मंदिर मार्ग पुलिस स्टेशन के पास सफाई अभियान …|

मोदी सरकार के काम की लिस्ट

हमारे देश के लिए मोदी सरकार ने किसानों , मजदूरों एवं युवा साथियों के लिए जितने भी काम किये है उनकी लिस्ट आप निचे देख सकतें है |

पीएम किसान सम्मान निधि योजना ( PM Kisan Samman Nidhi Yojana )
प्रधानमंत्री जन धन योजना ( Pradhanmantri Jan Dhan Yojana )
आयुष्मान भारत योजना ( Aayushman Bharat Yojana )
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना ( Pradhanmantri Garib Kalyan Yojana )
प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना (Pradhanmantri Jeevan Jyoti Yojana )
पीएम उज्ज्वला योजना (PM Ujjvala Yojana )
प्रधानमंत्री स्कालरशिप योजना ( Pradhanmantri Scholarship Yojana )
पीएम सुरक्षा बिमा योजना ( PM Surksha Biima Yojana )
प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhanmantri Aawas Yojana )
अटल पेंशन योजना ( Atal Pension Yojana )
मेक इन इंडिया ( Make in India )
प्रधानमंत्री मानधन बिमा योजना ( Pradhanmantri Mandhan Biima Yojana )
पीएम कुसुम योजना ( PM Kusum Yojana )
प्रधानमंत्री सुकन्या समृधि योजना ( Pradhanamtri Sukanya Samridhi Yojana )
पीएम मत्स्य संपदा योजना ( PM Matsay Sampda Yojana )

मोदी सरकार के काम की लिस्ट in english

हमारे देश के प्रधानमंत्री के तौर पर देश की बागडोर नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री जी बने उसके बाद आज वर्ष 2023 के बिच जितनी भी सरकारी योजनाओं का उद्घाटन किया है जिसके माध्यम से देश की गरीब जनता को लाभ प्रदान किया है उनके लिए कल्याणकारी योजनाएं शुरू की है उनकी लिस्ट निचे आपको विस्तार से बतिया है आप उनको देख सकतें है –

मोदी सरकार के काम की लिस्ट in english
Pradhanmantri Krishi Subsidy Yojana
Pradhanmantri Fasal Bima Yojana
Pradhanmantri Kisan Samman Nidhi Yojana
PM Ujjvala Yojana
Pradhanmantri Solar Panel Yojana
Pradhanmantri Sukrsha Bima Yojana
Pradhanmantri Ayushman Bharat Yojana
Pradhanmantri Garib Kalyan Yojana
Pradhanmantri Krishi Loan Subsidy Yojana

2014 से 2023 तक की योजनाएं PDF Download,

मोदी सरकार ने वर्ष 2014 से वर्ष 2023 तक के समय में सबसे बड़ी 8 बड़ी योजनाओं का उद्घाटन किया है जिसका लाभ देश के करीबन 90% परिवारों को लाभ दिया जाता है और आज भी ये सभी योजनाएं सुचारुरूप से चलाई जा रही है आपको तारीख वाइज इनके बारे में बताएँगे कौनसी योजना कब शुरू की गई –

क्रमांक संख्या योजना का नाम शुभारम्भ कब हुआ उधेश्य
1 .प्रधानमंत्री जन धन योजना 28 अगस्त 2014 . प्रत्येक परिवार के कम से कम 1 सदस्य का बैंक खाता खोलना
. 2 लाख रुपया की दुर्घटना बिमा कवर प्रदान करना
2 . नसांगी गंगे योजना 10 जुलाई 2014. गंगा नदी के पानी की शुद्धिकरण करना ताकि हर नागरिक तक स्वच्छ एवं शुद्ध जल की प्राप्ति हो
3 . मेक इन इंडिया 25 सितम्बर 2014. हमारे देश में मेन्युफेक्चरिंग कार्यों का बढ़ावा देना ताकि देश के रोजगार के अवसर बढ़ें
4 . सासद आदर्श ग्राम योजना 11 अक्टूबर 2014 . प्रत्येक गावों को विकसित की राहों पर चलाना
5 . मिशन इन्द्रधनुष अभियान 25 दिसम्बर 2014 . नागरिक को काली खांसी, पीलिया, हिमोपिलिया, खसरा और टीबी जैसी बिमारियों से मुक्त करना है
6 . बेटी बचाओ बेटी पढाओ योजना 22 जनवरी 2015 . देश की बेटियों की आत्मसुरक्षा प्रदान करना एवं बेटियों को शिक्षा के प्रति जागरूक बनाना
7 . प्रधानमंत्री मुद्रा लोन योजना 8 अप्रेल 2015 . हमारे देश में छोटे एवं लघु स्तर के उद्योग स्थापित करना
8 . प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना 1 मई 2015 . देश की हर गरीब महिला को खाने बनाने के लिए गैस सिलेंडर उपलब्ध करवाना
9 . प्रधानमंत्री सुरक्षा बिमा योजना 9 मई 2015देश के प्रत्येक नागरिक जिनकी आयु 18 साल से 70 साल के बिच है उनको दुर्घटना बिमा कवर प्रदान करना
10 . प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बिमा योजना 9 मई 2015देश के उस नागरिक की 330 रुपया में बिमा करना जिसकी आयु 18 साल से 55 वर्ष के मध्य है
11 . अटल पेंशन योजना 9 मई 2015 18 से 40 आयु के नागरिक द्वारा जितनी राशी जमा की जाएगी उसी के आधार पर पेंशन वितरण करना जिसमे पेंशन कम से कम 1000 रुपया होगी
12 . प्रधानमंत्री आवास योजना 25 जून 2015 को देश के प्रत्येक गरीब नागरिक जिसके पास रहने के लिए मकान नही है उनको पक्का घर बनाना योजना के जरीय देश के 2 करोड़ नागरिकों को पक्के घर बनाए जाएँगे
13 . डिजिटल इंडिया मिशन 1 जुलाई 2015 को सभी प्रकार की सरकारी योजनाओं एवं सेवाओं का लाभ इलेक्ट्रोनिक तरीके से उपलब्ध करवाना है
14 . प्रधामंत्री कृषि सिंचाई योजना 1 जुलाई 2015 को देश के हरेक किसान को कृषि सिंचाई हेतु प्रयाप्त पानी की उपलब्धता करवाना
15 . प्रधानमंत्री दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना 25 जुलाई 2015 को देश के सभी राज्यों में हर गाँव में बिजली लाइट की उप्ब्धता करवाना है ताकि किसी भी परिवार के घर में अँधेरा ना हो
16 . प्रधानमंत्री उड़ान योजना 27 अप्रेल 2017 को उड़े देश का आम नागरिक – देश का हरेक नागरिक सस्ती कीमतों में हवाई यात्रा कर सकें
17 . वरिष्ठ पेंशन योजना 1 जनवरी 20217 को हर 60 साल के नागरिक को lic विभाग से पेंशन की उपलब्धता करवाना है
18 . प्रधानमंत्री सहज बिजली हर घर योजना ( सौभाग्य योजना )25 सितम्बर 2017 को देश के सभी ग्रामीण तथा शहरी घरों का विद्युतीकरण सुनिश्चित करना है
19 . प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना 1 फरवरी 2019 को देश के हरेक किसान परिवार को सालाना 6000 रुपया की आर्थिक मदद राशी प्रदान करना है

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